दस घंटे
बहुत ज़्यादा हैं
किसी से जवाब की प्रतीक्षा हो तो
दस घंटे
बहुत कम हैं
जब ख़ुद को कुछ कर के देना हो
बैलगाड़ी से
सैलाना से शिवगढ़ जाते वक्त
कभी सोचा नहीं था कि कोई
दस घंटे लगातार चल सकता है
और उन दस घंटों में सिएटल से
फ्रेंकफर्ट पहुँचा सकता है
बिना पलक झपके
दस घंटे काफ़ी हैं
ऊबने के लिए
खीजने के लिए
थकने के लिए
तीन फिल्म देखने के लिए
दो बार भोजन के लिए
कई ग्लास पानी
और जूस पीने के लिए
हमें और आराम चाहिए
बिस्तर चाहिए
शावर चाहिए
लाइनें हटे
तुरंत निकले
तुरंत भागे
बैलगाड़ी बैलगाड़ी है
घर घर है
राहुल उपाध्याय । 19 जून 2023 । फ्रेंकफर्ट
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