Monday, June 26, 2023

जो गुज़र रही है मुझपे

जो गुज़र रही है मुझपे

मैं कहीं गुज़र न जाऊँ 

गो उम्र नहीं है कुछ भी 

मैं कहीं उतर न जाऊँ 


मेरा दिल है आज बाग़ी 

इसे आज डर नहीं है

मुझे डर है बस यही कि

मैं कहीं सुधर न जाऊँ 


मुझे रोकती है दुनिया

कहीं प्यार कर न बैठूँ

है बहार जिस चमन में

मैं कभी उधर न जाऊँ 


मेरे हाथ में वो ताक़त 

फ़ौलाद भस्म कर दूँ 

मेरी आग ही है जीवन

मैं कहीं ठहर न जाऊँ 


राहुल उपाध्याय । 27 जून 2023 । रतलाम 

इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें


0 comments: