झूम-झूम के नाचो आज
गाओ ख़ुशी के गीत
आज ए-आई की धूम मची है
आज ए-आई मनमीत
कल था कोई आँख का तारा
बेमौत मरा मेटावर्स बिचारा
और ए-आई ने तीर वो मारा
चमक रहा है इसका सितारा
किसी को दिल का दर्द मिला है
किसी को सारी प्रीत
देखो तो कितना, खुश है ज़माना
दिल में तरंगे लब पे तराना
दिल जो दुखे आँसू न बहाना
ये तो यहाँ का ढंग पुराना
इसको मिटाना उसको बनाना,
इस नगरी की रीत
(मजरूह से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 26 जून 2023 । रतलाम
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