कहीं एक मासूम नाज़ुक सी लड़की
बहुत खूबसूरत मगर बावली सी
चलो पिंग करूँ जी में आता तो होगा
बिज़ी न हों सोच रूक जाती तो होगी
मेरे नाम खास ईमोजी को चुनकर
वो दांतों में उँगली दबाती तो होगी
चलो देखूँ क्या कुछ नया हो रहा है
कह-कह के व्हाट्सेप चलाती तो होगी
कोई पोस्ट शायद मिस हो गई हो
ऊपर से नीचे टटोलती तो होगी
स्टेटस पे मुझको हँसता हुआ देख
धड़कन बढ़-बढ़ जाती तो होगी
कविता में मेरी ख़ुद को पा कर
बदन धीमे-धीमे सुलगता तो होगा
लिखूँ कुछ मैं भी ये सोचकर वो
की-बोर्ड पे उँगलियाँ लाती तो होगी
कई बार मन की उमंगो को लिख कर
वो डीलिट बटन फ़िर दबाती तो होगी
(कमाल अमरोही से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 14 जून 2023 । सिएटल
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