वह हिन्दू है
और विवाह करती है
एक विवाहित हिन्दू से
दूसरी पत्नी बन कर
कोई किसी को नहीं रोकता
कोई थू-थू नहीं करता
बल्कि उसे सम्मानित करता है
दो बार सांसद का चुनाव जीत जाती है
वह भी धर्म नगरी से
और उनकी बेटियों का विवाह
इस्कॉन मन्दिर में
धूमधाम से
सम्पन्न होता है
कोई किसी को नहीं रोकता
कोई थू-थू नहीं करता
और वह भी
जो पत्नी नहीं
रखैल बन कर रहती है
कोई उसे कुछ नहीं कहता
कोई थू-थू नहीं करता
बल्कि उसके साहस की
दाद देते हैं
प्रशंसा करते हैं
आधुनिक समाज की
वीरांगना कहते हैं
और वह भी
जो शादी नहीं करती है
और उस शादीशुदा व्यक्ति के
बच्चे की माँ बन जाती है
उसे पालती है, पोसती है
बड़ा करती है
और अपने पिता से मिलने देती है
कोई उसे कुछ नहीं कहता
कोई थू-थू नहीं करता
बल्कि उसे सम्मान मिलता है
वह किताब लिखती है
सबको अपने जीवन से
प्रेरित करती है
और वह भी
जो बच्चे कर लेती है
और पिता का नाम ज़ाहिर नहीं करती
सब उसकी तारीफ़ करते हैं
उसके कुशल माँ होने की मिसाल देते हैं
कोई कुछ नहीं कहता
कोई थू-थू नहीं करता
यह अमेरिका या इंग्लैंड नहीं
हमारा अपना भारत है
ये किसी बड़े शहर या छोटे शहर की नहीं
पूरे भारत की बात है
अमीर या गरीब की नहीं
हर तबके की बात है
बेड़ियाँ हम ख़ुद बाँधते हैं
हमें ही तोड़नी होगी
टूट रही हैं
और टूटनी चाहिए
हम ज़माने से नहीं
ज़माना हमसे हैं
राहुल उपाध्याय । 9 जून 2023 । सिएटल
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