Friday, June 23, 2023

फ़ोटो में कितनी बातें छुप जाती हैं

फ़ोटो में 

कितनी बातें 

छुप जाती हैं 

दब जाती हैं 

गंदी गलियाँ

संकरे रास्ते 

अंधियारे गलियारे

टूटे हैण्डल

काम न करते फ्लश

समय पे न मिलती चाय

भूली हुई परात

नारियल की थैली 

अस्त-व्यस्त चप्पल 

और बस दिखते हैं 

मुस्काते चौखटे 


फ़ोटो

सब एक जैसे होते हैं 

रतलाम हो

जबलपुर हो

शिमला हो

दिल्ली हो

धड़ से ऊपर का हिस्सा 

सब जगह का एक सा ही होता है 


राहुल उपाध्याय । 24 जून 2023 । रतलाम 



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2 comments:

शुभा said...



वाह! बहुत खूब, एकदम सही कहा आपनें।

रेणु said...

बहुत बढ़िया राहुल जी 👌👌इस दुनिया में सबसे ज्यादा प्रयास गलती और गन्दगी को छिपाने के लिए हुये हैं।हार्दिक शुभकामनाएं आपको आपके उन्मुक्त लेखन के लिए 🙏