कभी तुम अगर कोई कप तोड़ दो
अच्छा सा, प्यारा सा कप तोड़ दो
तब सच किसे से न कहना प्रिये
जो टूटा है तुमसे टूटा ही रहेगा
सदा के लिए
अभी तुमको कोई समझ ही नहीं
कि सच बोलना एक अपराध है
अपनों को, औरों को है ख़ुश देखना
तो सच बोलना एक अपराध है
जब सम्बन्ध तुम्हारे बिगड़ने लगे
रिश्तों के पैबंद उखड़ने लगे
तब सच किसे से न कहना प्रिये
जो झूठा है, प्यारा है, प्यारा रहेगा
सदा के लिए
अभी तुमने दुनिया देखी नहीं
जब देखोगे दुनिया समझ जाओगे
है दुनिया ये प्यारी, जन्नत सरीखी
झूठ बोलना तुम भी सीख जाओगे
जब साये तुम्हें डराने लगे
उजाले भी मुँह चुराने लगे
तब सच किसे से न कहना प्रिये
ये जीवन है संघर्ष, संघर्ष ही रहेगा
सदा के लिए
(इन्दीवर से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 5 जून 2023 । सिएटल
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