Wednesday, June 7, 2023

उसने लिखा

उसने लिखा 

बात करने का मन बहुत है

पर नहीं कर सकती


इन दस शब्दों से जो सुख मिला है 

वो दस घंटे तक कुछ कर के भी नहीं मिलता


कौन सोचता है इतना?

क्यूँ सोचती है वो इतना?

क्यूँ बात करना चाहती है मुझसे?

क्यूँ मन करता है इतना?

क्या सम्बन्ध है उसका-मेरा?


इतनी मेहर है मुझ पर

मुझे यक़ीन ही नहीं होता

डायरी में 

एक और दिन अच्छा गुज़रा

लिख दूँगा 


दुनिया में दुःख उसके भी है 

फिर मुझे क्यों सुखी देखना चाहती है वो?

लफड़े हज़ारों उसके भी हैं

फिर कैसे चैन देना जानती है वो?

क्यूँ है मुस्काती? कैसे है मुस्काती?

कैसे हज़ारों बोझ छुपाती है वो?


उससे बात हो और बात न हो 

अच्छा लगता है


वो साथ न हो 

और फिर भी साथ हो

अच्छा लगता है


इस हँसती-गाती दुनिया में 

कोई मेरे लिए भी 

उदास हो,

बेकरार हो

अच्छा लगता है


राहुल उपाध्याय । 7 जून 2023 । सिएटल 



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