Wednesday, June 7, 2023

प्रेम पत्र

प्रेम पत्र सुरक्षित है उसका 

बहुत सम्हाल के रखा है 

हज़ारों कापियाँ बना रखीं हैं 

जबकि किसी के हाथ आ जाए 

तो मेरा 'दि एण्ड' हो जाए


गुगल क्लाउड में भी है

एक-एक हर्फ़ तो याद नहीं 

पर ज़ुबाँ पर स्वाद है

हर लफ़्ज़ का

हर रंग का

हर घुमावदार 'एच' का

'आई लव यू' के 'लव' का

❤️ का

हिन्दी-अंग्रेज़ी मिक्स में छुपे प्यार का

इज़हार का

दुलार का

श्रृंगार का


यह उसका पहला प्रेम पत्र था

मेरे लिए तीसरा


पहला तब जब मुझे अपेक्षा नहीं थी

बहुत सम्भाल कर रखा

कॉपी नहीं बनाई 

शहर बदलने के चक्कर में कहीं खो गया


दूसरा तब जब उसे फाड़ देना ही उचित था


और यह तीसरा तब जब जीवन बंजर था

मानो लम्बे अकाल के बाद बरसात हुई

बीज फूटे 

अंकुर निकले

बहार आई

नगमे गाए

जीवन में एक मौज आई

और जैसे आई वैसे चली गई 


प्रेम पत्र मेरा है

मेरा ही रहेगा

इसे कोई छीन नहीं सकेगा


कल को कहीं सीरियस भी हो गया

तब भी इसे मिटाऊँगा नहीं 

चाहे उसके हाथ लग जाए

हमारे बीच ख़लल पड़ जाए


यही तो मेरा सरमाया है

यही तो मेरा लब्बोलुआब है

यही तो मेरे हाथ आया है

बाक़ी सब तो जैसे ही पाया 

खोया है 


क्यूँ लिखा था उसने?

क्यूँ सबसे नज़रें बचा कर दिया था उसने?

क्यूँ इतनी हिम्मत आई थी उसमें?


उसकी हिम्मत 

उसकी मेहनत

उसके प्यार को मैं 

फाड़ नहीं सकता

मिटा नहीं सकता

गला नहीं सकता

काट नहीं सकता

जला नहीं सकता


यह उसकी आत्मा है

आत्मा है उसकी

शरीर कहीं और है

आत्मा मेरे पास है


जब चाहूँ उसे गले लगा लेता हूँ 

सराबोर हो जाता हूँ 


राहुल उपाध्याय । 7 जून 2023 । सिएटल 



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