न मैं धार्मिक हूँ
न अधर्मी हूँ
मैं अधर में हूँ
न मैं आस्तिक हूँ
न नास्तिक हूँ
मैं अधर में हूँ
न मैं भाजपाई हूँ
न कांग्रेसी हूँ
मैं अधर में हूँ
न मैं डेमोक्रेट हूँ
न रिपब्लिकन हूँ
मैं अधर में हूँ
न मैं ध्यान में हूँ
न मैं ज्ञान में हूँ
मैं अधर में हूँ
न इस तट पर हूँ
न उस तट पर हूँ
बीचों-बीच लहर पर हूँ
सही है या ग़लत
नहीं जानता
पर इतना अवश्य है
कि
मुझे दिखेगा कल
एक मंज़र नया
'गर रख सकूँ खुली
आँखें अपनी
22 नवम्बर 2016
सैलाना | 001-425-445-0827
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