देने को तो
दे दूँ
आज ही
जीवन भर के लिए
शुभकामनाएँ
लेकिन
फिर मिट जाएँगी
मिलने-जुलने की
दुआ-सलाम की
सारी
सम्भावनाएँ
इसीलिए
सुबह होती है
शाम होती हैं
एक बार नहीं
कई बार होती हैं
किसी से भी लो
किसी को भी दो
किश्तों में लो
किश्तों में दो
एक मुश्त नहीं
छप्पर-फाड़ नहीं
बारिश हो
बाढ़ नहीं
चाहत तभी तक चाहत है
जब तक चाहत बाक़ी है
ज़िन्दगी तभी तक ज़िन्दगी है
जब तक ज़िन्दगी बाक़ी है
25 नवम्बर 2016
सैलाना | 001-425-445-0827
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