Thursday, September 19, 2024

घड़ियाली आँसू

सारी कवयित्रियाँ खोखली

एवं सामन्तवादी हैं

खाना खाने के बाद

अपने झूठे बर्तन

ख़ुद नहीं धोतीं

किसी और से

धुलवाती हैं

और फिर 

घड़ियाली आँसू 

बहाती हैं कि

जो कारीगर

जिस इमारत को खड़ा करते हैं

उसमें रह नहीं सकते


राहुल उपाध्याय । 20 सितम्बर 2024 । ओसाका, जापान 




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