सारी कवयित्रियाँ खोखली
एवं सामन्तवादी हैं
खाना खाने के बाद
अपने झूठे बर्तन
ख़ुद नहीं धोतीं
किसी और से
धुलवाती हैं
और फिर
घड़ियाली आँसू
बहाती हैं कि
जो कारीगर
जिस इमारत को खड़ा करते हैं
उसमें रह नहीं सकते
राहुल उपाध्याय । 20 सितम्बर 2024 । ओसाका, जापान
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