Saturday, September 28, 2024

मोक्ष

पैदा होते ही मुझे मोक्ष मिल जाता 

तो मैं पूरे जीवन से वंचित रह जाता

न तुमसे मिलता

न उससे बिछड़ता 

न यह सीखता 

न वह सीख पाता

न कविता रचता

न कला का पक्ष रखता

न किसी का सर हाथ में लेता

न किसी का ललाट प्यार से चूमता

न दिन पहाड़ से होते 

न रात मतवाली


राहुल उपाध्याय । 28 सितम्बर 2024 । होनोलुलु



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1 comments:

Abhilasha said...

बहुत ही सुन्दर सार्थक और भावप्रवण रचना