पैदा होते ही मुझे मोक्ष मिल जाता
तो मैं पूरे जीवन से वंचित रह जाता
न तुमसे मिलता
न उससे बिछड़ता
न यह सीखता
न वह सीख पाता
न कविता रचता
न कला का पक्ष रखता
न किसी का सर हाथ में लेता
न किसी का ललाट प्यार से चूमता
न दिन पहाड़ से होते
न रात मतवाली
राहुल उपाध्याय । 28 सितम्बर 2024 । होनोलुलु
1 comments:
बहुत ही सुन्दर सार्थक और भावप्रवण रचना
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