हुआ है प्यार हमें आदमी की तरह
के देंगे छोड़ तुम्हें नौकरी की तरह
के होगा प्यार तुम्हें तो होगा प्यार हमें
न कर सकेंगे कभी प्यार बन्दगी की तरह
फ़िज़ा में कौन है जो हमें तुम्हारा कहे
जो चल रहा है घड़ी-दर-घड़ी घड़ी की तरह
यहाँ से लौट भी जाएँ तो क्या हासिल
वहाँ है कौन जो चाहेगा उसी की तरह
किधर है आश्ना और कौन अजनबी राहुल
हमें तो जो भी दिखा, दिखा शायरी की तरह
राहुल उपाध्याय । 27 सितम्बर 2024 । होनोलुलु
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