कब तक कोई समंदर देखे
कुछ न होता भीतर देखे
बीच में बीच नहीं है लेकिन
फिर भी बीच कह कर देखें
बरसों बाद नहीं कुछ बदला
कब तक वही मंजर देखें
दुनिया कहे ये जन्नत दुनिया
कब तक हाँ में हाँ मिलाकर देखें
कितना टेढ़ा दिमाग़ है मेरा ऑटोप्सी करा जी भर देखें
राहुल उपाध्याय । 26 सितम्बर 2024 । होनोलुलु
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