वह बाल बाँध लेती है
और उम्र बढ़ा लेती है
दुपट्टे में मुँह बांधकर
दुनिया की नज़रों से
ख़ुद को बचा लेती है
दुनिया उसे चाहे, सराहे
यह उसकी क़िस्मत नहीं
वह अपना नाम-ओ-निशाँ
दुनिया से मिटा देती है
राहुल उपाध्याय । 14 सितम्बर 2024 । रतलाम से उज्जैन जाते हुए
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