पार्टियाँ हो गईं
रात भर जाग लिए
नव-वर्ष आ गया
जबसे हमने सुना
रात आती नहीं
सूर्य प्रकाश जाता है
रात जाती नहीं
रात ही रहती है
सच समझ आ गया
दिन तो हैं गिनती के
कोई ज़्यादा नहीं
आज हैं, कल नहीं
कोई वादा नहीं
रात चिर काल है
राज मैं पा गया
राहुल उपाध्याय । 4 जनवरी 2023 । अम्स्टर्डम
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