Wednesday, January 3, 2024

पार्टियाँ हो गईं

पार्टियाँ हो गईं

रात भर जाग लिए

नव-वर्ष आ गया


जबसे हमने सुना 

रात आती नहीं 

सूर्य प्रकाश जाता है 

रात जाती नहीं 

रात ही रहती है 

सच समझ आ गया 


दिन तो हैं गिनती के

कोई ज़्यादा नहीं 

आज हैं, कल नहीं 

कोई वादा नहीं 

रात चिर काल है

राज मैं पा गया


राहुल उपाध्याय । 4 जनवरी 2023 । अम्स्टर्डम

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