बैंग-बैंग तू कर मगर
और किसी से प्यार कर
हम तेरे यार नहीं
और किसी से बात कर
दाम दे, क़दम बढ़ा
चाय-पानी तू छोड़ दे
आ रहे हैं और भी
उनका रस्ता साफ़ कर
यहाँ दिन है न रात है
पाँच मिनट की बात है
वक़्त का ही दाम है
वक़्त न ख़राब कर
ये शहर है उदार बहुत
हवस का इंतज़ाम है
प्यार-वार ख़रीद के
इसे न बदनाम कर
राहुल उपाध्याय । 9 जनवरी 2024 । अम्स्टर्डम
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