यह देश का नाश है
जीडीपी का ह्वास है
बैंक सारी बंद हैं
स्कूलों में अवकाश है
ज़बरदस्ती का राज है
जिनके सर पे ताज है
कर रहे नुक़सान और
आती न उन्हें लाज है
कहीं कोई हड़ताल करे
कहीं कोई करताल बजे
नतीजा बस एक ही
काम सारे बंद मिले
रामभरोसे देश चला
रामभरोसे चल रहा
सोच विचार कर के
कहाँ आगे बढ़ रहा
राहुल उपाध्याय । 21 जनवरी 2024 । सिएटल
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