Friday, January 5, 2024

सारी शुभकामनाएँ जो होती हैं

सारी शुभकामनाएँ जो होती हैं 

दरअसल नो-ऑप होती हैं 

यानी कुछ करना नहीं है

न देने वाले को

न लेने वाले को


देने वाला इधर से लेकर उधर दे देता है 

अपना दिमाग़ भी नहीं लगाता है 

मेहनत तो छोड़ो


लेनेवाला ठीक से पढ़ता भी नहीं है

या तो होगा कोई संस्कृत का श्लोक

सर्वानि जैसा कुछ 

या फिर धन-धान्य की वर्षा करेगा 

जिसका असलियत से कोई लेना देना नहीं है 

टीचर थे तो टीचर रहेंगे

लॉटरी खुलेगी नहीं 

स्वास्थ्य किसी के कहने से आता नहीं है


अब जन्मदिन की शुभकामनाएँ देना 

भी ख़तरा मोल लेना है 

आप सोचते हैं अपना क्या जाता है 

दे देते हैं 

सामनेवाला ख़ुश हो जाएगा 

उधर से जनाब आता है 

शुभकामनाएँ रहने दीजिए 

दान ही दे दीजिए 

मेरे एनजीओ को


राहुल उपाध्याय । 5 जनवरी 2024 । अम्स्टर्डम 






इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें


0 comments: