यही अमेरिका और भारत में फ़र्क़ है
और समझ रहे नहीं कुछ भक्त है
क्या अमेरिका का जनजीवन ठप्प होगा
क्योंकि बन रहा यहाँ चर्च है?
माना कि कुछ ग़लत हुआ था
आज से सैकड़ों वर्ष पूर्व
ज़रूर मनाओ ख़ुशियाँ-समारोह
पर किस बात पे गर्व है?
कि मन्दिर एक बन गया?
कि मूर्ति उसमें बिठा दी गई?
कि प्राण उसमें फूंक दिया?
कि काँच कोई टूट गया?
ज्ञान की किताबें पढ़ कर भी
युवाओं का ये हाल है
मंगल भवन अमंगल हारी से
गूँज रहा हर हॉल है
क्यूँ कर कोई विकास होगा
जब शहर बन रहे देहात है
गोशालाओ के चक्कर काटती
अफ़सरों की जमात है
राहुल उपाध्याय । 22 जनवरी 2024 । सिएटल
2 comments:
वाह
wah ati sundar
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