Sunday, January 28, 2024

मर ही जाता जो तुमपे न मरता

मर ही जाता जो तुमपे न मरता

इतना ही है बस तुमसे कहना


वेलेण्टाइन डे कोई उत्सव नहीं है

कैसे बताऊँ कैसे हैं कटता


बहारों की मंज़िल होती नहीं है

इनका है काम आते-जाते रहना


दिन पर दिन वही रूटीन है मेरा

नया-ताज़ा अब कहाँ है दिखता


सोचोगी कभी तो विश्वास करोगी 

मैं उतना बुरा नहीं जितना हूँ लगता 


राहुल उपाध्याय । 28 जनवरी 2024 । सिएटल 

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