Sunday, January 7, 2024

वो कहते हैं हम पे रहम करो

वो कहते हैं हम पे रहम करो

जो खेले लाखों-अरबों में

जज क्यूँ असमंजस में बैठे हैं 

दे सकते हैं निर्णय दो मिन्टों में


ये दुख-दर्द की गाथा गाते हैं

बीमारी की बातें करते हैं 

लड़की और बीवी का कोई नहीं 

कह-कह के पाँव ये पड़ते हैं 


ईमान-धरम की दुहाई दे

दरियादिली का पाठ ये दे

हम ग़रीबों की कोई सुनवाई नहीं 

न कोर्ट सुने न कोई काम भी दे


हर क़ानून हम पे हो लागू

हर दाम हम ही से लेते हैं 

हम पर न कोई रहम करे

हर बात पे कान पे धरते हैं


लूटते हैं हमसे हमारी कमाई 

ख़ुद ऐश-औ-आराम करते हैं 

जब चाल ग़लत कोई पड़ जाए

कोर्ट-कचहरी में फँसते हैं 


वो कहते हैं हम पे रहम करो

जो खेले लाखों-अरबों में

जज क्यूँ असमंजस में बैठे हैं 

दे सकते हैं निर्णय दो मिन्टों में


राहुल उपाध्याय । 7 जनवरी 2024 । अम्स्टर्डम 


इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें