जिसने मिलियन डॉलर न देखा हो
और उसे मिलियन डॉलर का चेक मिल जाए
तो वो खुश तो बहुत होगा
लेकिन साथ में
डरेगा भी बहुत
कि कहीं खो न जाए
प्यार भी कुछ कुछ ऐसा ही होता है
चेक को तो
सिर्फ़
बैंक में जमा करने तक ही
सम्हालना पड़ता है
प्यार?
बंधन में बांध लो
तो
सड़ जाए
मर जाए
खुला छोड़ दो
तो
न जाने किस के
हाथ पड़ जाए?
सिएटल,
4 अगस्त 2008
Monday, August 4, 2008
प्यार कुछ कुछ ऐसा ही होता है
Posted by Rahul Upadhyaya at 7:08 PM
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Labels: relationship
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1 comments:
क्या सच ऐसा है? बंधन में बांध लो तो मर जाता है प्यार? और खुला छोड़ दो किसी और के हाथ पड़ जाता है? इतना सस्ता होता है प्यार? फिर आप जिस की बात कर रहे हैं वो प्यार नहीं।
कविता अच्छी है वैसे...
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