Monday, August 18, 2008

कुछ तो राब्ता है उनका मुझसे

सूरज निकला
पंछी चहचहाएँ
लेकिन सुबह न हुई
अलार्म बजा
नींद टूटी
लेकिन सुबह न हुई

जो रोज़ सुबह सुबह मुझे जबरन उठाती थी
गा गा के अ-लोरी मेरी नींद भगाती थी
आज
न जाने किस गलतफ़हमी की हैं शिकार
कि बदला बदला सा है उनका व्यवहार

ये जानकर कि
वे पढ़ती हैं अब भी कविताएँ मेरी
मेरे दिल को मिला है चैन-ओ-क़रार
कि चलो कुछ तो राब्ता है उनका मुझसे
मुझसे ना सही
मेरी कविताओं से तो है उनको प्यार

सिएटल,
18 अगस्त 2008
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राब्ता = सम्पर्क, सम्बंध, लगाव, नाता, connection
जबरन = ज़बरदस्ती, against your will
अ-लोरी = लोरी का विपरित

चैन-ओ-क़रार = शांति, comfort

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