हज़ार आय-एम हमने भेजे
कहीं से कोई पिंग ना आई
बड़ी वफ़ा से, निभाई तुमने
हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई
जहाँ से तुम बाय कर गये थे
वो विंडो अब भी खुली पड़ी है
हम अपने कम्प्यूटर में जाने कितने
और विंडो खोले हुए हैं
बड़ी वफ़ा से, निभाई तुमने
हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई ...
कहीं किसी रोज़ यूं भी होता
हमारी ई-मेल तुम भी पढ़ती
जो बातें हमने कही न तुमसे
वो बातें तुमने भी सोची होती
बड़ी वफ़ा से, निभाई तुमने
हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई...
तुम्हें है दु:ख कि हम क्यों आए
हमें है फ़क्र कि तुम हमारे
कहीं से कोई पिंग ना आई
बड़ी वफ़ा से, निभाई तुमने
हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई
जहाँ से तुम बाय कर गये थे
वो विंडो अब भी खुली पड़ी है
हम अपने कम्प्यूटर में जाने कितने
और विंडो खोले हुए हैं
बड़ी वफ़ा से, निभाई तुमने
हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई ...
कहीं किसी रोज़ यूं भी होता
हमारी ई-मेल तुम भी पढ़ती
जो बातें हमने कही न तुमसे
वो बातें तुमने भी सोची होती
बड़ी वफ़ा से, निभाई तुमने
हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई...
तुम्हें है दु:ख कि हम क्यों आए
हमें है फ़क्र कि तुम हमारे
फोन हाथों में अब भी लेकिन
रिंग रिंग बस वो पुकारे
बड़ी वफ़ा से, निभाई तुमने
हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई...
सिएटल,
11 अगस्त 2008
(गुलज़ार से क्षमायाचना सहित)
=========================
आय-एम = IM, instant messenger
पिंग = ping
बाय = bye
विंडो = window
कम्प्यूटर = computer
ई-मेल = email
फ़ख़्र = pride
रिंग = ring
रिंग रिंग बस वो पुकारे
बड़ी वफ़ा से, निभाई तुमने
हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई...
सिएटल,
11 अगस्त 2008
(गुलज़ार से क्षमायाचना सहित)
=========================
आय-एम = IM, instant messenger
पिंग = ping
बाय = bye
विंडो = window
कम्प्यूटर = computer
ई-मेल = email
फ़ख़्र = pride
रिंग = ring
2 comments:
achchi hai....
Jo baatein humne kahi na tumse, woh baatein tumne bhi sochi hoti
Bahut sundar likha hai, Rahul!
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