Saturday, October 2, 2021

पता नहीं क्यों

पता नहीं क्यों 

इस धर्म निरपेक्ष देश में

थानों में मंदिर हैं

पर्वतों पे धर्मस्थल हैं

हर जगह धर्म है

और धर्म बस एक ही है 


स्कूल में प्रार्थना है

प्रार्थना में ईश्वर है

ईश्वर से सम्बल है?

कि ईश्वर से हम निर्बल हैं?

ईश्वर से हम अनुशासित हैं

कि ईश्वर से हम विभाजित हैं?


जब यह निजी पसंद-नापसंद है 

यह क्यों सार्वजनिक है?


पता नहीं क्यों 

इस धर्म निरपेक्ष देश में

थानों में मंदिर हैं …


राहुल उपाध्याय । 3 अक्टूबर 2021 । तराना 







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