Friday, December 29, 2023

हम तुमसे मुहब्बत करते हैं

हम तुमसे मुहब्बत करते हैं 

चुपचाप मगर नहीं रहते हैं 

इक गीत लिखा, इक साज़ चुना

और सब से हम ये कहते हैं 


जब आग लगी, तुम पास मिली

जब प्यास बुझी, तुम खो सी गई

हम साथ रहे, हम दूर रहे

नग़मे हज़ारों कहते हैं 


कभी सोच लिया तुम मेरी नहीं

कभी मान लिया, तुम मेरी नहीं 

अब चैन नहीं, आराम नहीं 

दिन-रात तुम्हें ही रटते हैं 


जगते भी नहीं, सोते भी नहीं

दिन-रात कभी होते ही नहीं 

मेरा सूरज तुम, मेरी चंदा तुम

मेरे प्राण तुम्हीं में बसते हैं 


राहुल उपाध्याय । 30 दिसम्बर 2023 । अम्स्टर्डम से स्विट्ज़रलैंड जाते हुए 






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