क्या हुआ जो हम हार गए
कुछ को तो अवसर प्रदान किए
कि हवा के विपरीत वे बोल सके
कि चिकनी-चुपड़ी बातों में हम न आते हैं
संविधान का बिगुल बजाते हैं
ध्रुवीकरण के ख़िलाफ़त आवाज़ उठाते हैं
जो हो रहा वो ठीक नहीं कहने से नहीं घबराते हैं
हमने कब कहा हम प्रधान बने
वो निरंकुश न रहे बस ध्यान रहे
राहुल उपाध्याय । 5 दिसम्बर 2023 । सिंगापुर
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