हर तरफ़ हार ही हार है
जीत पाए तो पाए कहाँ
हार ही प्रीत की रीत है
इससे भागे तो जाए कहाँ
लोग कहते हैं दिल थाम लो
दिल से बढ़कर न कोई यहाँ
दिल पे चोरी का इलज़ाम है
दिल ही हारे तो जाए कहाँ
आग ही आग है देह में
आग बुझाए वो सावन कहाँ
जो भी मिलता है आग बढ़ाए
प्यासे होंठों की प्यास बुझाए कहाँ
दिल है वीरान, स्याह ज़िन्दगी
दिल की दुनिया बसाए कहाँ
फूल खिलते हैं, मिलते हैं रोज़
तोड़ उनको हम पाए कहाँ
राहुल उपाध्याय । 2 दिसम्बर 2023 । सिंगापुर
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