Monday, December 18, 2023

मेरा वादा था

मेरा वादा था

थोड़ा ज़्यादा था

तुझे तारों की दुनिया में ले जाऊँगा 


तुझे देखा था 

तुझे चाहा था 

तुझे दशियों दिशाओं से माँगा था


मैंने सोचा था

तुझे पाऊँगा

तुझे जब चाहे मैं देख पाऊँगा


तुझे पाया था

सुख पाया था

सुख पाते ही सुख भाग गया था


अब दुख भी नहीं 

कोई सुख भी नहीं 

सुख-दुख से परे जैसे कुछ भी नहीं 


कभी सोता हूँ 

कभी जगता हूँ 

बस सोते या जगते ही तर जाऊँगा 


राहुल उपाध्याय । 19 दिसम्बर 2023 । अम्स्टर्डम

 





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