Tuesday, December 26, 2023

कण-कण में जिसका वास है

कण-कण में जिसका वास है 

उसका भी अब घर-बार है

भक्तगणों का घमंड तो देखो

कहते किया हमने तैयार है 


उसके बिना कुछ हो न पाए

फिर भी खुद को शाबाशी दे रहे

नेता-चारण सब हैं लट्टू 

कर रहे चीत्कार हैं  


पूजा आदि वहाँ हैं होती

जहां शांति का निवास है

भीड़-भाड़ में शो-बाज़ी करना

पूजा नहीं अहंकार है


मन्दिर है, मन्दिर ही रखो

नहीं करो इतना हंगामा 

पढ़ो-लिखो, कुछ काम करो

यही समय की पुकार है


राहुल उपाध्याय । 27 दिसम्बर 2023 । अम्स्टर्डम से ब्रसल्स जाते हुए 



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