Monday, December 11, 2023

पद दिया है उसको जो अनजाना है

जिसका हमें था इंतज़ार

जिसके लिए दिल था बेक़रार

वो घड़ी आ गई, आ गई

पद दिया है उसको जो अनजाना है

साथ चार कंधों का दिया जो बचकाना है


किसपे क्या गुज़री तू क्या जाने

तू क्या समझे ओ दीवाने

हो के रहेगा झगड़ा इनमें

आएगा क्या तू आग बुझाने 


क़ाबिल जो था वो बैठ नहीं जाएगा

नया अडवाणी वो बन नहीं पाएगा 

वो घड़ी आ गई, आ गई

क्या किया है तूने तुझे समझाना है


जादू तेरा कब तक चले

होगा किसी दिन ये फ़ैसला

वो घड़ी आयेगी, आयेगी

जानां, तूने अभी ये कहाँ जाना है

किसे जीतना है और किसको हार जाना है


होगा तेरा आशिक़ ज़माना

औरों का दिल होगा तेरा दीवाना

नाज़ न कर तू अपनी अकड़ पे

तुझको भी होगा सच पचाना

जो है खिलाड़ी वो खेल नहीं पाएँगे 

अपने ही जाल में शिकारी फँस जायेंगे

वो घड़ी आयेगी, आयेगी

वक़्त आने पे तुझको ये समझाना है

किसे जीतना है और किसको हार जाना है


राहुल उपाध्याय । 12 दिसम्बर 2023 । सिंगापुर 


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