Wednesday, December 27, 2023

यूरोप

यूरोप में घूमने का एक अपना अलग रोमांच है। एक तो इतिहास में इसके शहरों का महत्वपूर्ण स्थान है। चाहे युद्ध हो या राजनीति, ये शहर प्रमुख रहे हैं। लंदन, पेरिस, बर्लिन। इनके बिना बीसवीं शताब्दी की मुख्य घटनाओं का वर्णन नहीं किया जा सकता। 


आगे जाकर जब अमेरिका में रहने लगा तो नॉरमंडी बीच का भी नाम सुना जहां की ऐतिहासिक विजय के बाद ही द्वितीय विश्वयुद्ध समाप्त हुआ। क्रिस्टोफ़र नोलन की फिल्म के बाद डनकर्क के बारी में भी जानकारी बढ़ी। 


जब मैं अम्स्टर्डम से पेरिस जा रहा था तो डनकर्क और नॉरमंडी बीच क़रीब से निकले। मानचित्र पर देखकर ही मेरे रोंगटे खड़े हो गए। 


पेरिस की भव्य इमारतों के बीच साईन नदी पर नौका विहार के वक्त सोचता रहा कैसे वो दिन रहे होंगे जब इन इमारतों पर बमबारी का ख़तरा रहा होगा। कैसे हर घर से कोई युवा सेना में काम कर रहा होगा। कैसे नाज़ी सेना इन्हीं सड़कों पर घूम रही होगी। 


अम्स्टर्डम तक हिटलर का आतंक था। सिर्फ़ जर्मनी से ही नहीं, यहाँ से भी लोग घरों से निकालकर कंसंट्रेशन कैम्प में ज़िन्दा मौत के घाट उतार दिये जा रहे थे। हिटलर की सेना यहाँ भी आईं और एन फ़्रेंक जैसे लाखों लोगों को लेकर चले गई।  


अद्भुत शहर हैं ये। अद्भुत देश हैं ये। अद्भुत लोग हैं ये। 


एक तरफ़ हिटलर की सेना। एक तरफ़ एन को बचाने वाले जैसे लोग। एक तरफ़ एन का पता हिटलर की सेना को देनेवाले लोग। 


सब यहीं था। सब यहीं थे। मात्र पचहत्तर-अस्सी वर्ष पहले। 


और उससे पहले थे महान कलाकार। लियोनार्दो द विंची। मिकेलांजिलो। दांते। वेन गो। रेम्ब्राण्ट। 


महान वैज्ञानिक। न्यूटन। आइंस्टाइन। हुक। हैली। डार्विन। बर्नौली। मार्कोनी। वॉट। एम्पियर। क्यूरी। हर्ट्ज़। मैक्सवेल। यूलर। फर्मेट। 


महान लेखक। शेक्सपीयर। शॉ। शैली। कीट्स। बर्ट्रेंड रसल। 


बेल्जियम जैसे छोटे देश के छोटे शहर में बारहवीं शताब्दी के महल आज भी उस शहर की शोभा बढ़ा रहे हैं। आज भी मुझ जैसे पर्यटक को चकित कर रहे हैं। 


राहुल उपाध्याय । 27 दिसम्बर 2023 । ब्रसल्स 

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1 comments:

सुशील कुमार जोशी said...

देखा है चित्रों में | अभी अभी एक जोड़ा ब्रसेल्स से आकर रुका था घर पर :)