नाम से लोग हैं खेल रहे
लगा रहे हैं क़यास
क्या करेंगे कमाल ये
सबको इनसे आस
हम तो बस इतना जानते कि
एक करे शैतानियाँ
कहलाए माखनचोर
दूजा ले-ले अवतार दस
कर न पाए कुछ ख़ास
और भजन गा-गा के भाईसाब
क्या हुआ है कभी कोई विकास
नाम-धाम ना जात से
होता है कोई विशेष
सब के अपने कर्म ही
करते उन्हें विशेष
अटकलों का यह दौर भी
चलेगा दो दिन और
उसके बाद सब आप ही
ढूँढेंगे मनोरंजन पुरज़ोर
राहुल उपाध्याय । 13 दिसम्बर 2023 । सिंगापुर
https://mere--words.blogspot.com/2023/12/blog-post_13.html?m=1
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