किस लिए मैंने वोट दिया
दिल को यूँही बेक़रार किया
शाम-सवेरे टीवी रोज़ देखा
रात-दिन इंतज़ार किया
सौ-सौ मैंने वादे सुने
तब जा के कुछ भाया
ऐसे वैसे वोट न डाला
सोच समझ के डाला
मैं क्या जानूँ तू हरजाई
झटपट दिल्ली भागा
ना जाने ये कब होगा
के कौन सदर बन पाया
मैंने क्यूँ ऐतबार किया
आठवाँ दिन है नतीजे आए
सभी हैं चुप्पी साधे
पूर्ण बहुमत फिर क्या दिक़्क़त
कुछ समझ न आए
कब तक चिंतन, कब तक मंथन
कोई हमें समझाए
ऐसे कैसे देश चलेगा जब
नेता न ढूँढ पाए
किस लिए इन्हें प्यार किया
राहुल उपाध्याय । 10 दिसम्बर 2023 । सिंगापुर
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