Thursday, December 21, 2023

ज़िन्दगी इतनी हसीन है

ज़िन्दगी इतनी हसीन है कि

आज कौनसा दिन है

कौनसी तारीख़ 

कुछ पता नहीं है


दिन

दिन हैं

उनके लेबल नहीं हैं 


धूप है तो धूप है

बरखा है तो बरखा है

कोई अच्छा-बुरा नहीं है 


ये बस है

ये ट्राम है

ये ट्रेन है 

ये मेट्रो 

सब आवागमन के साधन हैं

कोई भी कम-ज़्यादा नहीं है 


ये शंघाई है

ये अम्स्टर्डम है

ये रीवा है

ये फ़रीदाबाद 

सब अपनी-अपनी जगह ठीक है 

सब गाँव हैं, शहर हैं, निगम हैं

रहने के स्थान हैं


ज़िन्दगी इतनी हसीन है 

कि सबका ही सम्मान है


राहुल उपाध्याय । 21 दिसम्बर 2023 । अम्स्टर्डम 




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