आज चाँद पूरा होगा
(अधुरा कब था?)
आज चाँद बड़ा होगा
(छोटा कब था?)
आज चाँद हमसे सबसे ज़्यादा करीब होगा
और मुझमें इतना ज्ञान आया कहाँ से?
विज्ञान से
वरना
हमें क्या
चाँद निकले तो निकले
न निकले तो न निकले
दिखे तो ठीक
न दिखे तो ठीक
छोटा है या बड़ा
पास है या दूर
हमें इससे कोई सरोकार नहीं है
सागर की लहरें उछलती हो तो उछलें
हमने तो समंदर की ओर देखना तक छोड़ दिया है
जब से हवा से बातें करने लगे हैं
वायुयान में सफ़र करने लगे हैं
और वहाँ भी
ताकि कोई विघ्न न पड़े
चाँद-सूरज बाधा न बने
खिड़की पर पर्दा गिरा देते हैं
और एक छोटे से पर्दे पर
हा-हा-ही-ही
और नाच गाना देखते रहते हैं
तिलस्मी विडियो-गेम्स खेला करते हैं
चाँद का होना न होना
कोई मायने नहीं रखता है
हमारे लिये
22 जून 2013
सिएटल ।
513-341-6798
(अधुरा कब था?)
आज चाँद बड़ा होगा
(छोटा कब था?)
आज चाँद हमसे सबसे ज़्यादा करीब होगा
और मुझमें इतना ज्ञान आया कहाँ से?
विज्ञान से
वरना
हमें क्या
चाँद निकले तो निकले
न निकले तो न निकले
दिखे तो ठीक
न दिखे तो ठीक
छोटा है या बड़ा
पास है या दूर
हमें इससे कोई सरोकार नहीं है
सागर की लहरें उछलती हो तो उछलें
हमने तो समंदर की ओर देखना तक छोड़ दिया है
जब से हवा से बातें करने लगे हैं
वायुयान में सफ़र करने लगे हैं
और वहाँ भी
ताकि कोई विघ्न न पड़े
चाँद-सूरज बाधा न बने
खिड़की पर पर्दा गिरा देते हैं
और एक छोटे से पर्दे पर
हा-हा-ही-ही
और नाच गाना देखते रहते हैं
तिलस्मी विडियो-गेम्स खेला करते हैं
चाँद का होना न होना
कोई मायने नहीं रखता है
हमारे लिये
22 जून 2013
सिएटल ।
513-341-6798
3 comments:
आपकी बात सही है। जब रोशनी के इतने sources हों तो चांदनी हम पर क्या असर करेगी?
आपकी बात ठीक है कि चाँद चाहे चौदहवीं का हो या super-moon का - हर किसी को नहीं मिलता। पर हम उसे देख सकते हैं, दिल में याद रख सकते हैं, उसकी तस्वीर खींच सकते हैं। बस उससे मुंह न मोड़ें, इतना ही बहुत है।
जिसपर कृपा होती है वही देख पाता है, जी पाता है प्रकृति का सान्निध्य... शेष तो सबों को कृत्रिमता ने ही दबोच रखा है!
बेहद सुन्दर रचना!
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